लाइब्रेरी में जोड़ें

यह महा समर है




यह महा समर है


यह महा समर है

कठिन डगर है

चुभते काँटे

पग में छाले

रोती आंखें

व्याकुल तन-मन

सूखा उपवन

झरने रोते

जंगल खोते

सड़कें सूनी

वायु है भूनी

सतत उदासी

सब आभासी

दुश्चिंता का सिंधु घुमड़ता

सब कुछ असमंजस -सा लगता

एकाकीपन सता रहा है

घोर निशाचर जता रहा है

हर एकाकी लड़ कर जीते।

दिखें सभी कोरोना पीते।





   5
1 Comments

Sachin dev

31-Dec-2022 06:06 PM

Nice

Reply