यह महा समर है
यह महा समर है
यह महा समर है
कठिन डगर है
चुभते काँटे
पग में छाले
रोती आंखें
व्याकुल तन-मन
सूखा उपवन
झरने रोते
जंगल खोते
सड़कें सूनी
वायु है भूनी
सतत उदासी
सब आभासी
दुश्चिंता का सिंधु घुमड़ता
सब कुछ असमंजस -सा लगता
एकाकीपन सता रहा है
घोर निशाचर जता रहा है
हर एकाकी लड़ कर जीते।
दिखें सभी कोरोना पीते।
Sachin dev
31-Dec-2022 06:06 PM
Nice
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